इस भिन्नता के फलस्वरूप जहाँ नदी द्वारा परिवहित पत्थर कुछ काल लुढ़कते हुए तथा आपस में टकराते हुए गोल मटोल बटिया स्वरूप हो जाते हैं, हिमधार द्वारा ले जाये गये खंड अंत तक कोणीय व नुकीले ही बने रहते हैं।
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इस भिन्नता के फलस्वरूप जहाँ नदी द्वारा परिवहित पत्थर कुछ काल लुढ़कते हुए तथा आपस में टकराते हुए गोल मटोल बटिया स्वरूप हो जाते हैं, हिमधार द्वारा ले जाये गये खंड अंत तक कोणीय व नुकीले ही बने रहते हैं।